
मालदा के राहत शिविर में मुर्शिदाबाद हिंसा पीड़ितों से मिले गवर्नर बोस, कहा- जल्द होगी ठोस कार्रवा

CV Ananda Bose Visited Malda: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस गुरुवार (17 अप्रैल 2025) को मालदा जिले के एक राहत शिविर पहुंचे, जहां उन्होंने मुर्शिदाबाद हिंसा से जान बचाकर भागे लोगों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने पीड़ितों की शिकायतें सुनीं और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.
मुलाकात के बाद राज्यपाल ने कहा, ” मैंने इस शिविर में रह रहे परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. मैंने उनसे विस्तृत चर्चा की. मैंने उनकी शिकायतें सुनीं और उनकी भावनाओं को समझा. महिलाओं ने बताया कि उन्हें डराया गया, बदमाशों ने घरों में घुसकर उन्हें पीटा और गालियां दीं. निश्चित रूप से, जल्द ही ठोस कार्रवाई की जाएगी.”
हिंसा के पीछे क्या है मामला?
दरअसल, 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद जिले के मुस्लिम बहुल इलाकों-शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई को चोटें आईं. स्थानीय लोगों को जान बचाने के लिए अपने घर छोड़ने पड़े और उन्होंने पड़ोसी मालदा जिले में बनाए गए राहत शिविरों में शरण ली. पीड़ितों ने कहा कि उन्हें अभी भी अपने गांव लौटने में डर लग रहा है.
#WATCH | West Bengal Governor CV Ananda Bose says, “I met the family members who are in this camp. I had a detailed discussion with them. I listened to their grievances and understood their feelings. They also told me what they wanted. Certainly, proactive action will be taken.” https://t.co/KRNcjSZTcQ pic.twitter.com/jcqbFkamrw
— ANI (@ANI) April 18, 2025
सुरक्षा व्यवस्था और गिरफ्तारियां
राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों को मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है. अब तक 274 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिन पर दंगे और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने एक विशेष टीम को मालदा भेजा है ताकि वह पीड़ितों से मिलकर जमीनी स्थिति का जायजा ले सके.
ममता बनर्जी और राज्यपाल के बीच तकरार
राज्यपाल के इस दौरे से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे मुर्शिदाबाद दौरा स्थगित करने की अपील की थी.ममता ने कहा, “राज्य सरकार विश्वास बहाली के उपाय कर रही है, इसलिए राज्यपाल को कुछ दिन और इंतजार करना चाहिए.” हालांकि, राज्यपाल बोस ने स्पष्ट किया कि वे पीड़ितों से मिलने के अपने फैसले पर अडिग हैं और दौरे को टालना उचित नहीं है.
पीड़ितों की मांग
शिविर में रह रहे लोगों ने राज्यपाल से स्थायी सुरक्षा व्यवस्था, मुआवजा और घर लौटने की गारंटी की मांग की. महिलाओं ने बताया कि अब भी उन्हें डर है कि कहीं फिर से हमला न हो जाए.
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